गुरुवार 28 अगस्त 2025 - 16:14
क्या दूसरे अदयान और मज़ाहिब के लोग भी जन्नत में जाएंगे?

हौज़ा / निजात और सआदत का असली रास्ता इस्लाम है लेकिन अगर किसी तक इस्लाम या सच्चा धर्म न पहुँचा हो तो उसके पास जो धर्म मौजूद है या उसकी अक़्ल के मुताबिक उसका हिसाब होगा, और अगर वह अपने धर्म के मुताबिक सही काम करे तो वह जन्नती होगा। लेकिन अगर सच्चा धर्म उस तक पहुँचे और शोध के बाद वह उसे पहचान भी ले लेकिन कबूल न करे, तो बेशक वह जहन्नमी है हालाँकि, अगर वह शोध के बाद किसी दूसरे धर्म को सच्चा समझकर अपनाए और उस पर अमल करे तो उसका अमल कबूल है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस मौज़ू "क्या अन्य धर्मों और पंथों के अनुयायी भी स्वर्ग में जाएँगे? को एक सवाल-जवाब की शक्ल में हौज़ा न्यूज़ के पाठकों के लिए पेश किया जा रहा है

सवाल: जो लोग धर्म नहीं रखते या दूसरे धर्मों के अनुयायी हैं, क्या वे स्वर्ग में जाएँगे या जहन्नम में?

जवाब:पहला: कमाल और सच्ची खुशी तक पहुँचने का रास्ता सिर्फ इस्लाम है।

अगर किसी तक इस्लाम न पहुँचा हो, चाहे वह इस्लाम से पहले मर गया हो या किसी ऐसे इलाके में रहा हो जहाँ इस्लाम की आवाज़ न पहुँची हो, तो अगर वह अपने पास मौजूद धर्म पर अमल करे तो खुदा उसी धर्म के मुताबिक उसका हिसाब करेगा और वह जन्नती होगा। लेकिन अगर उसने अपने धर्म पर भी अमल न किया हो तो बेशक वह जहन्नमी है।

दूसरा: अगर किसी तक कोई धर्म न पहुँचा हो और वह बेदीन हो, तो खुदा उसके अमल का हिसाब अक़्ल के मुताबिक करेगा। अगर उसने अक़्ल के मुताबिक अच्छे काम किए और बुरे काम छोड़े तो वह जन्नती होगा, लेकिन अगर अक़्ल ने किसी काम को अच्छा कहा और उसने अंजाम न दिया या बुरे काम को बुरा जाना और फिर भी अंजाम दिया तो वह जहन्नमी होगा। हालाँकि यह खुदा की हिक्मत के खिलाफ है कि वह किसी कौम को बिना हादी और पैगंबर के छोड़ दे। वह किसी को उनके पास हिदायत के तौर पर जरूर भेजता है ताकि वह उन तक दीन-ए-इलाही पहुँचा सके।

तीसरा: अगर किसी तक इस्लाम और दूसरे धर्म पहुँचें और वह शोध करके किसी एक को सच्चा समझे, चाहे वह इस्लाम हो या मसीहियत या यहूदियत, और उसके मुताबिक अमल करे तो खुदा कबूल करेगा और वह जन्नती होगा, लेकिन अगर उस धर्म की खिलाफवर्जी करे तो वह अज़ाब पाएगा।

चौथा: अगर किसी तक दीन ए हक़ पहुँचे और वह शोध के बाद भी उसे पहचान ले लेकिन तअस्सुब, दुश्मनी या किसी और वजह से उसे कबूल न करे तो वह बेशक जहन्नमी है, चाहे वह अच्छे काम ही क्यों न करे।

स्रोत: हौज़ा एल्मिया की वेबसाइट बराए तबलीगी और सकाफती उमूर

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